हैदराबाद : तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक डॉ. जितेन्दर, IPS ने राज्य में संगठित आपराधिक गिरोहों और नशे के मामलों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को डीजीपी कार्यालय में आयोजित प्रथम अर्धवार्षिक क्राइम रिव्यू मीटिंग के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में सक्रिय आपराधिक गिरोहों की पहचान कर उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
बैठक का समन्वय CID की अतिरिक्त DGP चारु सिन्हा, IPS ने किया, जिसमें कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें TGPA निदेशक अभिलाषा बिष्ट, DG प्रिज़न्स सौम्या मिश्रा, अतिरिक्त DGPs महेश एम. भागवत, वी.वी. श्रीनिवास राव, स्वाति लकड़ा, अनिल कुमार, संजय कुमार जैन और स्टीफन रविंद्र शामिल रहे।
डीजीपी डॉ. जितेन्दर ने कहा कि ऐसे संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान मौजूद हैं और पुलिस अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे सतर्कता, निगरानी और प्रभावी कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने बताया कि कई गैंग से जुड़े अपराधी पिछले दो दशकों से जेल में बंद हैं, लेकिन फिर भी कुछ गतिविधियाँ जारी हैं।
नशे के खिलाफ सघन अभियान का आह्वान
डीजीपी ने राज्य में नशीले पदार्थों की तस्करी और उपयोग पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि युवाओं के जीवन को खतरा हो रहा है और पुलिस को न केवल कार्रवाई करनी चाहिए बल्कि जनजागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए। उन्होंने जब्त किए गए ड्रग्स की उत्पत्ति की जांच करने और अन्य राज्यों से आने वाली खेप पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए।
बैठक में उठे अहम बिंदु—
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EAGLE निदेशक संदीप शांडिल्य ने नाइजीरियाई नागरिकों की गिरफ्तारी की जानकारी दी जो ड्रग तस्करी में शामिल थे।
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ड्रग कंट्रोल निदेशक शहनवाज़ क़ासिम, IPS ने नकली दवाइयों पर कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस से सहयोग की अपील की।
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CID DIG नारायण नायक, IPS ने नये कानूनी प्रावधानों पर जानकारी दी।
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कानूनी सलाहकार अजय कुमार ने जांच से जुड़ी कमियों को उजागर किया।
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TGPA निदेशक अभिलाषा बिष्ट ने पुलिस प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर बात की।
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महिला और बाल कल्याण सचिव अनीता रामचंद्रन ने मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति की दिशा में पुलिस के सहयोग की बात कही।
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गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉ. कृपाला सिंह ने फॉरेंसिक पहलुओं पर व्याख्यान दिया।
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उस्मानिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश ने मेडिको-लीगल प्रक्रियाओं पर जानकारी दी।
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सेवानिवृत्त लोक अभियोजक डॉ. रामुलु ने गैंग अपराधों के कानूनी विश्लेषण पर बात की।
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DG प्रिज़न्स सौम्या मिश्रा ने कैदियों की सुरक्षा और एस्कॉर्ट व्यवस्था की समीक्षा की।
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ADGP महेश भागवत ने चेड़ी, भावरिया और पारदी जैसे आपराधिक गिरोहों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी और नकली बीज के मामलों में PD ऐक्ट लागू करने की सिफारिश की।
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ADGP स्वाति लकड़ा ने होम गार्ड्स से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की।
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संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री जोएल डेविस ने ट्रैफिक व्यवस्था पर अपडेट दिया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में हैदराबाद, साइबराबाद, राचकोंडा के पुलिस आयुक्तों के अलावा सभी ज़ोनल IGPs, जिला SPs और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
डीजीपी ने साफ संदेश दिया कि संगठित अपराध और नशे के खिलाफ एकजुट होकर कठोर कार्रवाई, निगरानी और जन सहयोग के माध्यम से ही कानून व्यवस्था को और मज़बूत किया जा सकता है।