Wednesday, August 6, 2025

बारिश में खुली GHMC की पोल- गड्ढे, गंदगी और जलभराव ने बढ़ाई मुश्किलें

हैदराबाद की सड़कों पर उभरा प्रशासनिक ढीलापन: GHMC घिरा सवालों में ?

हैदराबाद : कभी अपने स्मार्ट योजनाओं और बेहतर रोड नेटवर्क के लिए चर्चा में रहने वाली ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (GHMC) पर अब सवाल उठने लगे हैं। मौजूदा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नागरिकों का भरोसा GHMC की कार्यप्रणाली से डगमगाता नजर आ रहा है। शहर की सड़कें जर्जर हो चुकी हैं, सीवेज ओवरफ्लो आम हो गया है, और कचरा प्रबंधन भी सवालों के घेरे में है।

सड़कों का बुरा हाल, बारिश में शहर बेहाल

पिछले कुछ महीनों में हुई बारिश ने शहर के रोड नेटवर्क की पोल खोल दी है। एलबी नगर, अत्तापुर, मलकपेट और पुराना शहर जैसे इलाकों में गड्ढों से भरी सड़कों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि “अब न तो सड़कों की मरम्मत समय पर होती है, न ही किसी अधिकारी को फर्क पड़ता है।”

सफाई और कचरा प्रबंधन में लापरवाही

GHMC द्वारा दावा किया गया था कि कचरा प्रबंधन के लिए डोर-टू-डोर कलेक्शन और ट्रैकिंग सिस्टम लागू है, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। पुराने शहर, शालीबांदा, और संजीवैया नगर जैसे इलाकों में कचरे के ढेर हफ्तों तक नहीं उठाए जाते। स्वच्छता रैंकिंग में भी GHMC का प्रदर्शन गिरा है, जो पहले BRS शासन में टॉप 10 में रहा करता था।

सीवेज और जलनिकासी- एक पुरानी लेकिन अब गंभीर समस्या

बारिश के दौरान जलभराव अब GHMC की पहचान बनता जा रहा है। नगरवासी कहते हैं कि “जब KCR की सरकार थी, तो कम से कम फ्लाईओवर और स्टॉर्म वाटर ड्रेन्स पर काम हो रहा था। अब तो सिर्फ घोषणाएं हो रही हैं, ज़मीन पर कुछ नहीं।”

KCR सरकार की तुलना में मौजूदा सरकार क्यों पिछड़ रही है?

KCR शासनकाल में GHMC के तहत Strategic Road Development Programme (SRDP) और Haritha Haram, MyGHMC ऐप, Mission Bhagiratha जैसी योजनाओं को लागू किया गया था।
वहीं मौजूदा कांग्रेस सरकार ने न तो कोई नई म्युनिसिपल योजना शुरू की, और न ही पिछली योजनाओं को सशक्त ढंग से आगे बढ़ाया।

जनता में बढ़ता असंतोष

निवासियों का कहना है कि GHMC अब राजनीतिक खींचतान का शिकार बन गई है। अफसरशाही निष्क्रिय हो चुकी है और पार्षदों के पास जवाब नहीं हैं। शिकायतें दर्ज करने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती — “MyGHMC ऐप अब सिर्फ दिखावा बन गया है”, एक निवासी का बयान।

GHMC जैसी संस्था की नाकामी का सीधा असर शहर के हर नागरिक पर पड़ता है। मौजूदा कांग्रेस सरकार के लिए यह समय है कि वह सिर्फ घोषणाओं से आगे बढ़कर जमीनी स्तर पर काम करे, वरना GHMC की गिरती साख आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकती है।

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